👉 गुरूकुल के वीर ब्रम्हचारी ...
आएगें खत अरब, उसमे ये लिखा होगा ।
कि गुरूकुल का ब्रम्हचारी, हलचल मचा रहा होगा ।।
प्रश्नोत्तरी ( गुरूकुल शिक्षा पद्धति ) :-
प्रश्न :- गुरूकुल शिक्षा प्रणाली क्या होती है ?
उत्तर :- घर में न रहकर गुरू के अधीन रहते हुए
ब्रह्मचर्य पूर्वक त्याग, तपस्या युक्त जीवन यापन
करते हुए विद्या अर्जन करना गुरूकुल
शिक्षा प्रणाली है ।
प्रश्न :- ब्रह्मचारी या ब्रह्मचारिणी किसे कहते
हैं ?
उत्तर :- जो आचार्य कुल में रहकर शरीर
की रक्षा, चित की रक्षा करते हुए विद्या के लिये
प्रयत्न करे उसे ब्रह्मचारी या ब्रह्मचारिणी कहते
हैं ।
प्रश्न :- गुरूकुल में कितनी आयु के बच्चों का प्रवेश
होता है ?
उत्तर :- गुरूकुल में 6 वर्ष की आयु में प्रवेश
होता है । या अपवाद रूप में किसी गुरूकुल में
बड़ी आयु में भी प्रवेश होता ही है ।
प्रश्न :- गुरूकुल में प्रवेश पाने वाले
बच्चों की पारिवारिक अवस्था कैसी होनी चाहिये ?
उत्तर :- गुरूकुल में अमीर, गरीब, राजा, दरिद्र,
आदिवासी, अछूत सबका समान रूप से प्रवेश
हो सकता है, कोई भेद भाव नहीं है ।
प्रश्न :- गुरूकुलीय विद्यार्थी के भोजन, वस्त्र कैसे
होते हैं ?
उत्तर :- गुरूकुलीय विद्यार्थीयों का भोजन शुद्ध,
सात्विक तथा वस्त्र सभ्य शिष्ट आदर्श होते हैं ।
प्रश्न :- प्राचीन गुरूकुलों में कौन कौन से विषय
पढ़ाये जाते थे ?
उत्तर :- प्राचीन गुरूकुलों में वेद, दर्शन, उपनिषद,
व्याकरण आदि आर्ष ग्रन्थ पढ़ाये जाने के साथ
साथ गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान,
जीव विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, चिकित्सा,
भूगोल, खगोल, अन्तरिक्ष , गृह निर्माण, शिल्प,
कला, संगीत, तकनीकी, राजनीती, अर्थशास्त्र,
न्याय, विमान विद्या, युद्ध, अयुद्ध निर्माण, योग,
यज्ञ एवं कृषि इत्यादि जो मनुष्य के भौतिक
तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिये आवश्यक होते हैं
वे सभी पढ़ाये जाते थे ।
प्रश्न :- गुरूकुल में पढ़ाई का समय
क्या होता था ?
उत्तर :- गुरूकुल में पढ़ाई का समय सूर्योदय से लेकर
सूर्यास्त तक होता था ।
प्रश्न :- गुरूकुल की समय व्यवस्था कैसी थी ?
उत्तर :- सामान्यतः प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर
विद्यार्थीगण उठते थे, शौच आदि क्रिया से निवृत
होकर ऊषा पान ( तांबे के बर्तन का जल पीना )
करते थे । फिर व्यायाम, स्नान, संध्या, प्राणायाम,
अग्निहोत्र ( यज्ञ ) आदि के बाद भोजन करते थे ।
और फिर विद्या का अध्ययन आरम्भ होता था ।
जिसमें महत्वपूर्ण विषय आते थे । कक्षाओं में न
पढ़ाकर वृक्षों के नीचे या प्राकृतिक वातावरण में
पढ़ाया जाता था । सूर्यास्त के समय
संध्या अग्निहोत्र आदि से निवृत होकर
विद्यार्थी रात्री का भोजन करके विश्राम करते थे
। भोजन केवल दो बार ही मिलता था ।
क्योंकि मनुष्य को दीर्घायु के लिये दो समय
ही भोजन करना उचित है ।
प्रश्न :- प्राचीन गुरूकुलों में शिक्षा का शुल्क
क्या था ?
उत्तर :- प्राचीन काल में गुरूकुल शिक्षा निःशुल्क
थी ।
प्रश्न :- गुरूकुलों का खर्च कैसे चलता था ?
उत्तर :- गुरुकुलों का खर्च ग्रामीणों के दान से
और सरकार के द्वारा चला करता था ।
प्रश्न :- गुरूकुल कहाँ बनाये जाते थे ?
उत्तर :- गुरूकुल ग्रामों से दूर अरण्य ( वन ) में
बसाये जाते थे ।
प्रश्न :- गुरूकुल केवल बालकों के ही होते थे
या बालिकाओं के भी ?
उत्तर :- गुरूकुल बालकों और बालिकाओं के
दोनो के हुआ करते थे । और दोनों के गुरूकुलों में
दूरी कम से कम 12 कोस की हुआ करती थी ।
प्रश्न :- गुरूकुलों की शिक्षा का माध्यम
क्या था ?
उत्तर :- गुरूकुलों की शिक्षा का माध्यम संस्कृत
ही था और सदा संस्कृत ही रहेगा ।
प्रश्न :- भारत में गुरूकुल
शिक्षा प्रणाली कितनी पुरानी है ?
उत्तर :- भारत में गुरूकुल
शिक्षा प्रणाली आदिकाल से है । जब से मनुष्य
की उत्पत्ति हुई है ।
प्रश्न :- प्राचीन काल में भारत में कितने गुरूकुल
थे ?
उत्तर :- यह समूचे भरतखंड की सीमा त्रिविष्टिप
( तिब्बत ) से लेकर सींहल द्वीप ( श्रीलंका ) ,
ब्रह्मदेश ( म्यांमार ) से लेकर काम्बोज
( अफगानिस्तान ) तक थी । तो हर गाँव में कम से
कम एक गुरूकुल था, किसी में तो तीन भी पाये जाते
थे, हम औसतन 2 मान कर चलें तो, भारत में करीब
18 लाख के गाँव थे । तो कुल योग हुआ 18 x 2 =
36 लाख कम से कम गुरूकुल आर्यवर्त की सीमाओं
में पाये जाते थे । तो पूर्व से लेकर पश्चिम तक और
उत्तर से लेकर दक्षिण में श्रीलंका तक करीब इतने
वैदिक गुरूकुल थे जहाँ, बच्चे शिक्षा प्राप्त करते थे
। इससे अधिक भी हो सकते हैं । परंतु इससे कम
नहीं ।
प्रश्न :- कुछ प्रचीन विश्वविद्यालयों के नाम लिखें
।
उत्तर :- नालंदा विश्वविद्यालय ,
तक्षशिला विश्वविद्यालय, वल्लभीपुर आदि प्रसिद्ध
हैं ।
प्रश्न :- आधुनिक काल में गुरूकुल की स्थापना कब,
कहाँ हुई ? और किसने की ?
उत्तर :- आधुनिक काल में सर्व प्रथम हरिद्वार के
कांगड़ी नामक गाँव में सन् 1902 में गुरूकुल
की स्थापना स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती जी ने
की थी ।
प्रश्न :- राष्ट्र की खोई गरिमा कैसे वापिस
आयेगी ?
उत्तर :- राष्ट्र की खोई गरिमा गुरूकुल
शिक्षा प्रणाली की पुनः स्थापना करने से
आयेगी ।
प्रश्न :- गुरूकुल शिक्षा प्रणाली से शिक्षा प्राप्त
किये महापुरुषों के नाम बतायें ?
उत्तर :- राम, कृष्ण, वशिष्ठ, कपिल, कणाद, भीष्म,
गौतम, पतंजली, धनवंतरी, परशूराम, अर्जुन, भीम,
द्रोण, याज्ञवलक्य, गार्गी, मैत्रेयी, द्रौपदी,
अंजना आदि महान आत्मायें गुरूकुलों से ही हुईं हैं ।
ओ३म
आएगें खत अरब, उसमे ये लिखा होगा ।
कि गुरूकुल का ब्रम्हचारी, हलचल मचा रहा होगा ।।
प्रश्नोत्तरी ( गुरूकुल शिक्षा पद्धति ) :-
प्रश्न :- गुरूकुल शिक्षा प्रणाली क्या होती है ?
उत्तर :- घर में न रहकर गुरू के अधीन रहते हुए
ब्रह्मचर्य पूर्वक त्याग, तपस्या युक्त जीवन यापन
करते हुए विद्या अर्जन करना गुरूकुल
शिक्षा प्रणाली है ।
प्रश्न :- ब्रह्मचारी या ब्रह्मचारिणी किसे कहते
हैं ?
उत्तर :- जो आचार्य कुल में रहकर शरीर
की रक्षा, चित की रक्षा करते हुए विद्या के लिये
प्रयत्न करे उसे ब्रह्मचारी या ब्रह्मचारिणी कहते
हैं ।
प्रश्न :- गुरूकुल में कितनी आयु के बच्चों का प्रवेश
होता है ?
उत्तर :- गुरूकुल में 6 वर्ष की आयु में प्रवेश
होता है । या अपवाद रूप में किसी गुरूकुल में
बड़ी आयु में भी प्रवेश होता ही है ।
प्रश्न :- गुरूकुल में प्रवेश पाने वाले
बच्चों की पारिवारिक अवस्था कैसी होनी चाहिये ?
उत्तर :- गुरूकुल में अमीर, गरीब, राजा, दरिद्र,
आदिवासी, अछूत सबका समान रूप से प्रवेश
हो सकता है, कोई भेद भाव नहीं है ।
प्रश्न :- गुरूकुलीय विद्यार्थी के भोजन, वस्त्र कैसे
होते हैं ?
उत्तर :- गुरूकुलीय विद्यार्थीयों का भोजन शुद्ध,
सात्विक तथा वस्त्र सभ्य शिष्ट आदर्श होते हैं ।
प्रश्न :- प्राचीन गुरूकुलों में कौन कौन से विषय
पढ़ाये जाते थे ?
उत्तर :- प्राचीन गुरूकुलों में वेद, दर्शन, उपनिषद,
व्याकरण आदि आर्ष ग्रन्थ पढ़ाये जाने के साथ
साथ गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान,
जीव विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, चिकित्सा,
भूगोल, खगोल, अन्तरिक्ष , गृह निर्माण, शिल्प,
कला, संगीत, तकनीकी, राजनीती, अर्थशास्त्र,
न्याय, विमान विद्या, युद्ध, अयुद्ध निर्माण, योग,
यज्ञ एवं कृषि इत्यादि जो मनुष्य के भौतिक
तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिये आवश्यक होते हैं
वे सभी पढ़ाये जाते थे ।
प्रश्न :- गुरूकुल में पढ़ाई का समय
क्या होता था ?
उत्तर :- गुरूकुल में पढ़ाई का समय सूर्योदय से लेकर
सूर्यास्त तक होता था ।
प्रश्न :- गुरूकुल की समय व्यवस्था कैसी थी ?
उत्तर :- सामान्यतः प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर
विद्यार्थीगण उठते थे, शौच आदि क्रिया से निवृत
होकर ऊषा पान ( तांबे के बर्तन का जल पीना )
करते थे । फिर व्यायाम, स्नान, संध्या, प्राणायाम,
अग्निहोत्र ( यज्ञ ) आदि के बाद भोजन करते थे ।
और फिर विद्या का अध्ययन आरम्भ होता था ।
जिसमें महत्वपूर्ण विषय आते थे । कक्षाओं में न
पढ़ाकर वृक्षों के नीचे या प्राकृतिक वातावरण में
पढ़ाया जाता था । सूर्यास्त के समय
संध्या अग्निहोत्र आदि से निवृत होकर
विद्यार्थी रात्री का भोजन करके विश्राम करते थे
। भोजन केवल दो बार ही मिलता था ।
क्योंकि मनुष्य को दीर्घायु के लिये दो समय
ही भोजन करना उचित है ।
प्रश्न :- प्राचीन गुरूकुलों में शिक्षा का शुल्क
क्या था ?
उत्तर :- प्राचीन काल में गुरूकुल शिक्षा निःशुल्क
थी ।
प्रश्न :- गुरूकुलों का खर्च कैसे चलता था ?
उत्तर :- गुरुकुलों का खर्च ग्रामीणों के दान से
और सरकार के द्वारा चला करता था ।
प्रश्न :- गुरूकुल कहाँ बनाये जाते थे ?
उत्तर :- गुरूकुल ग्रामों से दूर अरण्य ( वन ) में
बसाये जाते थे ।
प्रश्न :- गुरूकुल केवल बालकों के ही होते थे
या बालिकाओं के भी ?
उत्तर :- गुरूकुल बालकों और बालिकाओं के
दोनो के हुआ करते थे । और दोनों के गुरूकुलों में
दूरी कम से कम 12 कोस की हुआ करती थी ।
प्रश्न :- गुरूकुलों की शिक्षा का माध्यम
क्या था ?
उत्तर :- गुरूकुलों की शिक्षा का माध्यम संस्कृत
ही था और सदा संस्कृत ही रहेगा ।
प्रश्न :- भारत में गुरूकुल
शिक्षा प्रणाली कितनी पुरानी है ?
उत्तर :- भारत में गुरूकुल
शिक्षा प्रणाली आदिकाल से है । जब से मनुष्य
की उत्पत्ति हुई है ।
प्रश्न :- प्राचीन काल में भारत में कितने गुरूकुल
थे ?
उत्तर :- यह समूचे भरतखंड की सीमा त्रिविष्टिप
( तिब्बत ) से लेकर सींहल द्वीप ( श्रीलंका ) ,
ब्रह्मदेश ( म्यांमार ) से लेकर काम्बोज
( अफगानिस्तान ) तक थी । तो हर गाँव में कम से
कम एक गुरूकुल था, किसी में तो तीन भी पाये जाते
थे, हम औसतन 2 मान कर चलें तो, भारत में करीब
18 लाख के गाँव थे । तो कुल योग हुआ 18 x 2 =
36 लाख कम से कम गुरूकुल आर्यवर्त की सीमाओं
में पाये जाते थे । तो पूर्व से लेकर पश्चिम तक और
उत्तर से लेकर दक्षिण में श्रीलंका तक करीब इतने
वैदिक गुरूकुल थे जहाँ, बच्चे शिक्षा प्राप्त करते थे
। इससे अधिक भी हो सकते हैं । परंतु इससे कम
नहीं ।
प्रश्न :- कुछ प्रचीन विश्वविद्यालयों के नाम लिखें
।
उत्तर :- नालंदा विश्वविद्यालय ,
तक्षशिला विश्वविद्यालय, वल्लभीपुर आदि प्रसिद्ध
हैं ।
प्रश्न :- आधुनिक काल में गुरूकुल की स्थापना कब,
कहाँ हुई ? और किसने की ?
उत्तर :- आधुनिक काल में सर्व प्रथम हरिद्वार के
कांगड़ी नामक गाँव में सन् 1902 में गुरूकुल
की स्थापना स्वामी श्रद्धानन्द सरस्वती जी ने
की थी ।
प्रश्न :- राष्ट्र की खोई गरिमा कैसे वापिस
आयेगी ?
उत्तर :- राष्ट्र की खोई गरिमा गुरूकुल
शिक्षा प्रणाली की पुनः स्थापना करने से
आयेगी ।
प्रश्न :- गुरूकुल शिक्षा प्रणाली से शिक्षा प्राप्त
किये महापुरुषों के नाम बतायें ?
उत्तर :- राम, कृष्ण, वशिष्ठ, कपिल, कणाद, भीष्म,
गौतम, पतंजली, धनवंतरी, परशूराम, अर्जुन, भीम,
द्रोण, याज्ञवलक्य, गार्गी, मैत्रेयी, द्रौपदी,
अंजना आदि महान आत्मायें गुरूकुलों से ही हुईं हैं ।
ओ३म
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